हम लडकियाँ हैं
हम लडकियां हैं , जी रही हैं अपनी ज़िन्दगी
अपने लिए अपनों के लिए |
हर सुबह , हर रात , हर वक्त , हम डर रहीं हैं |
हर सुबह , हर रात , हर वक्त , हम अपने दिल से यह पूछ रहीं हैं की
कहाँ गया वोह भारत जिसमें सोने की चिड़ियाँ रहा करती ?
कहाँ गया वोह भारत जहाँ नर और नारी के बीच कोई भेदभाव ना होता था ?
आज रास्ते पर चलते वक्त हज़ार नज़रें हमें घुर रही होती हैं ,
और हमे ही हमारी मर्यादा सिखाई जाती है |
आज हँसते हैं हम , लेकिन हमारी आँखे कुछ और ही कह रही होती हैं|
आज हमारी आँखें नम हो जाती हैं
जब हम सोचते हैं की ,
वोह लडकियां जिन पर एसिड फेंका गया था |
वोह भी तोह हमारी बहने जैसी ही थी ||
वोह लडकियां जिन का फ़ायदा उठाया गया था |
वोह भी तोह हमारी दोस्त जैसी ही थी ||
क्या हुआ ??
आखिर क्या हुआ उन बेशर्मों के साथ ??
आखिर क्या हुआ उन वेशी दरिंदों के साथ ??
वोह आज भी जी रहे हैं हंस रहे हैं खेल रहे ||
और वोह लडकियां ,
और वोह लडकियां मात्र कहने को ही जी रही हैं ,
जी रही हैं वोह बनके एक जिंदा लाश ,
और मर जायेगी कहते कहते काश ,
काश की किसीने उनकी आवाज़ सुनी होती ,
काश की किसीने उनकी तरफ मदद का हाथ बढाया होता,
पर नहीं ,
कुछ नहीं ,
कुछ नहीं किया किसीने |
तभी तो ,
आज हम यहाँ है ,पर फिर भी हम घबरा रहीं हैं |
आज हम यहाँ हैं , लेकिन हमारी रूह कांप चूकी है।
और हमारा दिल चिल्ला चिल्ला के यह पुछ रहा है की,
आखिर क्यों ?
आखिर हम ही क्यों??
शायद इसलिए क्योंकि हम लडकियां हैं!
या' फिर,
सिर्फ इसलिए क्योंकि हम लडकियां है!!!!!!!!

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the questions you have raised are from every Indian to those who think they can rule.
ReplyDeleteawesome work. god bless you